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Mining started at Nandhaur and Kailash rivers

Publish Date : 03/04/2018
Opening of Nandhaur River

हल्द्वानी 02 अप्रैल  2018 (सूचना)-   नंधौर एवं कैलाश नदी से उप खनिजों का चुगान प्रारम्भ हुआ। सोमवार को वन मंत्री डा0 हरक सिह रावत ने कड़ापानी गेट पर फीता काटकर खनन का विधिवत शुभारम्भ किया। कार्यक्रम मे सम्बोधित करते हुये वन मंत्री श्री रावत ने कहा कि नंधौर व कैलाश नदी में खनन से जहां नदी से लगे गांववासियो को बाढ से राहत मिलेगी वही क्षेत्रवासियो को रोजगार भी मिलेगा। उन्होने कहा कि नदी मे खनन प्रारम्भ होने से बाजार मे उप खनिजो के दाम कम होंगे जिससे जनता को भी रेता बजरी के दामो में राहत मिलेगी, वही विकास कार्यो को गति मिलेगी। श्री रावत ने कहा कि सरकार को खनन से राजस्व प्राप्त होगा, जिससे सरकार द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा, सडक आदि विकास कार्य कर जनता भी लाभान्वित होगी।

वनमंत्री ने कहा कि स्वदेश का लगभग 71 प्रतिशत भूभाग वन भूमि है। उन्होने वनाधिकारियों से कहा कि जनता से समन्वय कर उन्हेे जागरूक करते हुये आर्थिकी से जोडें। उन्होने कण्डी मार्ग को उत्तराखण्ड की जीवन रेखा बताते हुये कहा कि कण्डी मार्ग का शीघ्र सर्वे कर सडक निर्माण किया जायेगा, केन्द्र सरकार पूर्ण सहयोग करेगी।

अपने सम्बोधिन में क्षेत्रीय विधायक नवीन चन्द्र दुम्का ने नंधौर, कैलाश नदी को खनन हेतु 10 साल के लिए स्वीकृति देने पर प्रदेश सरकार व केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होने कहा कि नंधौर व कैलाश नदी मे विगत दो वर्षो से खनन न होने के कारण बाढ की स्थिति पैदा हो गई थी, इसलिए यहां खनन अति आवश्यक हो गया था, साथ ही क्षेत्र के लोगो के वाहन भी दो वर्षो से खडे थे कई लोग तो भुखमरी के कगार पर आ गये थे। उन्होने कहा आज से खनन प्रारम्भ हो गया है जिससे लोगो को रोजगार मिलेगा वही बाढ से भी निजात मिलेगी। उन्होने वन मंत्री से गत दो वर्षो से क्षेत्र के खनन वाहन न चलने पर वाहन टैक्स माफ करने की मांग रखी, साथ ही वनों से लगे गांव के जंगल किनारे हाथी दीवार बनाने व गल्फार खनन गेट को शीघ्र खुलवाने की मांग रखी। उन्होने कहा कि नंधौर व गौला नदी बाढ क्षेत्र हेेतु 12 करोड के तटबन्ध स्वीकृत किये गये है जिनका निर्माण मण्डी समिति द्वारा किया जायेगा। उन्होने वनाधिकारियों को व्यवहारिक होकर जनहित मे काम करने को भी कहा।

विधायक सितारगंज सौरभ बहुगुणा ने नंधौर, कैलाश नदियो मे खनन गेट खोले जाने पर हार्दिक बधाई देते हुये सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होने कहा कि नदी में खनन का मुख्य उददेश्य क्षेत्र वासियो को बाढ से राहत देना है। इसके साथ ही दो साल से नदी मे खनन ना होने से क्षेत्र के युवक बेरोजगार हो गये थे, नदी में खनन खुलने से युवाओ को रोजगार मिल पायेगा। उन्होने वर्ष 2015-16 में नंधौर मंे किसी कारण वश जिन वाहनो द्वारा खनन कार्य नही किया गया, उन्हे मौका देते हुये परमिट जारी करने की मांग रखी। कार्यक्रम को प्रकाश गरजौला,गुरदीप सिह,पान सिह मटियाली, बहादुर सिह कार्की, सुरजीत कौर, भुवन पोखरिया द्वारा भी सम्बोधित किया गया। डीएलएम प्रेम बोरा ने बताया कि 2007 से 2016 तक 10 वर्षो में नंधौर कैलाश नदी में खनन से सरकार को 212 करोड का राजस्व प्राप्त हुआ। इस  वर्ष 73 करोड का लक्ष्य रखा गया है इस तरह आगामी 10 वर्षो मे लगभग 700 करोड का राजस्व नंधौर, कैलाश नदियों में खनन से सरकार को प्राप्त होगा। उन्होने सभी खनन वाहन स्वामियो से अपील की कि वे मानको के अनुसार खनन कार्य करें, बिना आरएफआईडी चिप व बिना हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट के वाहन को खनन क्षेत्र मे प्रवेश नही दिया जायेगा। उन्होेने कहा कि अवैध खनन कतई नही होने दिया जायेगा।

कार्यक्रम में प्रकाश हरर्बोला, दिनेश खुल्वे, चन्दन कश्यप,संजय गोयल,सुमन राॅय, डिकर सिह मेवाडी, संध्या डालाकोटी,सुखदेव सिह, बलवन्त बोरा, बलदेव छाबडा सहित मुख्य वन संरक्षक डीबीएस खाती,अपर प्रबन्ध निदेशक वन विकास निगम जेएस सुहाग,निदेशक कार्वेट सुरेन्द्र मेहरा,वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते, प्रभागीय वनाधिकारी नितिश मणी त्रिपाठी, चन्द्रशेखर सनवाल, क्षेत्रीय प्रबन्धक एमपीएस रावत, एसडीओ प्रकाश चन्द्र आर्य आदि मौजूद थे।